गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ

गोधन न्याय योजना 

छत्तीसगढ़ की एक अनूठी पहल जिसने गांव के लोगो को अपने गांव में ही रहकर रोजगार करने का मौका दिलाने का काम की जा है वर्तमान में एक ऐसा मुख्यमंत्री है छत्तीसगढ़  में जिसमे नर्वा घुरवा बारी  के पहल से सभी ग्राम वाशी को आत्मनिर्भर बनाने हेतु ग्रामीण और शहरी स्टार में काम दिलजा है इस जोजना में 
साल २०२० में हरेली के पावन अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी द्वारा इस गोधन न्याय योजना का सुभारम्भ किया गया 
छत्तीसगढ ने गाज के गोबर का सही उपजोग करने का अनूठा पहल लिज़ा है जिसमे गौ माता की सेवा के साथ ही साथ गौ माता के गोबर को एकत्रित करके उसे समिति में खरीदी करवा कर उसका खाद बनाने की सकारात्मक पहल कीजै है इसी को गोधन न्याय योजना के नाम से जाना जाता है 

गोधन न्याय योजना का उद्देश 

सबसे पहली बार गोधन न्याय योजना के लाभार्थीओ को ०५ अगस्त २०२० को पैसा ऑनलाइन माध्यम से प्रदाय किया गया 
जैसा की आप जानते होंगे शहरो में और गाँवो में भी गौ माता को विचरण करते देखते है उनकी  सेहत का ध्यान कोई नहीं रखता और प्लास्टिक और पॉलीथिन को गौ माता द्वारा खाने के कारन हर साल गौ माता का निधन हो जाता है 

इसी के कारन गौ माता के गोबर को ०२ रूपये के किलो के हिसाब से सरकार खरीदी करेगी जिससे वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाया जायेगा उसके बाद उसे समितियों के माध्यम से बेच जायेगा 

गोधन न्याय योजना के लिए गोठान का निर्माण 

गाय और उसके गोबर को रखने के लिए सर्कार द्वारा अभी तक ५५०० गोठान का निर्माण किया जा चूका है 
शहरी क्षेत्रो के आलावा ग्रामीण स्तर  पर अत्यधिक मात्रा में गोठां का निर्माण किया गया है गोठान  में गौ माता के भोजन व्यवस्था के लिए पैरा को भी ख़रीदा जा रहा है और इसिलिए सर्कार द्वारा पुरे राज्य में पैरा को जलने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है  छत्तीसगढ़ में पैरा की महत्ता को इस रूप में बचाया जा रहा है 


वर्मी कम्पोस्ट खाद को सरकार  ८ रूपये किलो में खरीदी करेगी 

समितियों के माधयम से ०२ किलो के हिसाब से गोबर को ख़रीदा जा रहा है जिसे वर्मी कम्पोस्ट खाद के रूप में परिवर्तित किया जायेगा  रासायनिक खाद की अपेक्षा वर्मी कम्पोस्ट खाद अत्यधिक फायदेमंद होता है जो भूमि की उर्वरा शक्ति को भी बढाती है और पर्यावरण के हिसाब से भी अनुकूल होता है 

खाद को ८ रूपये किलो के हिसाब से छत्तीसगढ़  सरकार समितयों से खरीदी करेगी  जिस प्रकार समितयों द्वारा किसानो के धान को ख़रीदा जाता है उसी प्रकार गोबर को भी समिति द्वारा खरीदी किया जा रहा है उसके पश्चात्  खाद को भी खरीदी करेगी 


कौन कौन गोबर बेच सकता है 
ग्रामीण में रहने वाले सभी लोगो से ग्राम पंचायत के माध्यम से समिति गोबर खरीदी करेगी उसी प्रकार शहरी क्षेत्रो में नगर पालिका के माधयम से समिति में गोबर खरीदी करेगी भारत के सभी नागरिक पंजियन करवाकर गोबर बेच सकता है 

गोधन न्याय योजना हेतु आवश्यक दस्तावेज 

इस योजना में गोबर बेचने हेतु आपको आधार कार्ड और बैंक खाता  की जरुरत पड़ती है फिर आपका पँजियन गांव में ग्राम पंचायत द्वारा और शहरी क्षेत्रो में नगर पालिका और नगर निगम द्वारा किया जाता है और आपको एक पंजीयन कार्ड प्रदाय किया जाता है 

बिना पंजीयन किये आप गोबर नहीं बेच सकते है 

गोधन न्याय योजना हेतु पंजीयन कराने का शुल्क 

गोधन  न्याय योजना के लिए पंजियन  शुल्क नहीं लिया जाता है यह पूर्णरूपेण निशुल्क होता है अगर आपको कोई धन राशि की मांग करता है तो आप इस नंबर पर शिकायत कर सकते है 

लाभार्थी को बेचे गए गोबर की राशि कैसे प्रदाय किया जाता है 

आपको पंजीयन के समय ही बैंक 


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